सलिल पारेख का कुल वेतन 16.25 करोड़ रुपए होगा. इस बारे में इन्फोसिस की स्वतंत्र बोर्ड मेंबर किरन मजूमदार शॉ ने जानकारी दी.
देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख का वेतन तय हो गया है. उनका कार्यकाल 5 साल का होगा. सलिल पारेख को 6.5 करोड़ रुपए का सालाना वेतन दिया जाएगा. वर्ष 2018-19 के अंत में 9.75 करोड़ रुपए का वेरिएबल वेतन पाने के हकदार होंगे. इस तरह उनका कुल वेतन 16.25 करोड़ रुपए होगा. इस बारे में इन्फोसिस की स्वतंत्र बोर्ड मेंबर किरन मजूमदार शॉ ने जानकारी दी.
शॉ ने बताया कि पारेख की फिक्स्ड सैलरी 6.5 करोड़ रुपए होगी और वित्त वर्ष 2018-19 के आखिर में उन्हें 9.75 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वेतन (वेरिएबल पे) भी मिलेगा. पूर्व सीईओ विशाल सिक्का को वित्तवर्ष 2016-17 के लिए 67.5 लाख डॉलर (42.80 करोड़ रुपए) का वेतन दिया गया था जिस पर कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर की थी.
प्रतिद्वंदी कंपनी विप्रो के सीईओ अब्दाली नीमचवाला को 20 लाख डॉलर (12.7 करोड़ रुपए) का वेतन मिलता है. कंपनी की नियुक्ति एवं पारिश्रमिक समिति की सदस्या किरण ने कहा कि पारेख को 3.25 करोड़ रुपए के प्रतिबंधयुक्त शेयर भी दिए जाएंगे. साथ ही उन्हें कार्यप्रदर्शन के आधार पर 13 करोड़ रुपए के शेयर अनुदान के तौर पर मिलेंगे. उन्हें 9.75 करोड़ रुपए का एकबारगी शेयर अनुदान भी दिया जाएगा.
पारेख का कार्यकाल 5 साल
पारेख का इन्फोसिस के सीईओ के तौर पर कार्यकाल 5 साल का है. पारेख को स्टॉक कंपंजेशन कार्यकाल के दौरान अलग-अलग समय पर दिया जाएगा. शॉ ने यह भी बताया कि पारेख के कॉन्ट्रैक्ट में उस धनराशि का भी उल्लेख है, जो उन्हें अपना मिनिमम परफॉर्मेंस टार्गेट पूरा न कर पाने की स्थिति में मिलेगी.
कंपनी ने एक पोस्टल बैलेट पर यह भी लिखा है कि पारेख इन्फोसिस को छोड़ने के बाद 6 महीने तक कंपनी के कॉम्पिटीटर्स के साथ काम नहीं करेंगे. वह उन ग्राहकों के साथ या उनके लिए भी काम नहीं करेंगे, जिनके लिए उन्होंने इन्फोसिस छोड़ने से पहले 1 साल के अंदर काम किया है.