31 दिसंबर के बाद नहीं चलेंगे इन बैंकों के चेक, नई चेकबुक के लिए ऐसे करें आवेदन

31 दिसंबर के बाद नहीं चलेंगे इन बैंकों के चेक, नई चेकबुक के लिए ऐसे करें आवेदन

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31 दिसंबर 2017 के बाद कुछ बैंकों की चेकबुक मान्य नहीं होगी. कहीं इस लिस्ट में आपका बैंक भी तो नहीं. पिछले दिनों इन बैंकों के ग्राहकों को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने राहत देते हुए घोषणा की थी.

31 दिसंबर 2017 के बाद कुछ बैंकों की चेकबुक मान्य नहीं होगी. कहीं इस लिस्ट में कहीं आपका बैंक भी तो नहीं. पिछले दिनों इन बैंकों के ग्राहकों को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने राहत देते हुए घोषणा की थी. अपनी घोषणा में एसबीआई ने कहा था कि विलय किए गए बैंकों की चेकबुक को 31 दिसंबर तक मान्य कर दिया गया है. दरअसल पिछले दिनों छह बैंकों का एसबीआई में विलय किया गया था. इसके बाद इन बैंकों की चेकबुक नहीं चलने की खबर आई थी. हालांकि कुछ समय बाद ही SBI ने ग्राहकों को इससे राहत दे दी थी.

जिन बैंकों का एसबीआई में विलय किया गया उनमें भारतीय महिला बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (SBBJ), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (SBH), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (SBM), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (SBP) और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (SBT) शामिल हैं. यदि आपके पास भी इन बैंकों की चेकबुक है तो वह 31 दिसंबर 2017 तक ही वैध है. एसबीआई ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए पिछले दिनों इसकी जानकारी दी थी.

ऐसे करें आवेदन
साथ ही बैंक की तरफ से ग्राहकों से अनुरोध किया गया था कि 31 दिसंबर से पहले नई चेकबुक के लिए आवेदन करना जरूरी है. 31 दिसंबर के बाद किसी भी सहायक बैंक या भारतीय महिला बैंक का पुराना चेक मान्य नहीं होगा. यदि अभी तक आपने नई चेकबुक के लिए आवेदन नहीं किया है तो आप इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या ATM से आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा आप संबंधित शाखा में जाकर भी नई चेकबुक के लिए आवेदन कर सकते हैं.

एसबीआई का कस्‍टमर बेस 37 करोड़
एसबीआई ने पिछले साल अगस्त में अपने पांच सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय को मंजूरी दी थी. इस पर फरवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी थी. हालांकि, भारतीय महिला बैंक के विलय पर मार्च में फैसला हो सका था. इन बैंकों के विलय के बाद एसबीआई का कुल कस्‍टमर बेस 37 करोड़ हो गया है. इसकी शाखाओं की संख्‍या भी बढ़कर लगभग 24,000 और एटीएम की संख्‍या 59,000 हो गई है. विलय के बाद एसबीआई का डिपोजिट बेस भी बढ़कर 26 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

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