डब्ल्यूईएफ की पांच दिवसीय बैठक इस बार अगले माह 22 तारीख को शुरू होगी. इसमें भाग लेने वालों की अंतिम सूची अगले महीने जारी होगी. कार्यक्रम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार भारतीयों की मौजूदगी अधिक बड़ी होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सालाना शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं. सर्दियों में बर्फ की चादर से ढकी स्विट्जरलैंड की आल्पस पहाड़ियों के बीच छोटे से खूबसूरत शहर दावोस में अगले महीने होने वाली इस वार्षिक सम्मेलन में दुनिया भर के राजनेता, कंपनी जगत की दिग्गज हस्तियां, नीति निर्माता और सामाजिक सांस्कृतिक क्षेत्र के गणमान्य लोग भाग लेते हैं. ऐसी संभावना है कि मोदी विशेष पूर्ण सत्र को भी संबोधित करेंगे.डब्ल्यूईएफ की पांच दिवसीय बैठक इस बार अगले माह 22 तारीख को शुरू होगी. इसमें भाग लेने वालों की अंतिम सूची अगले महीने जारी होगी. कार्यक्रम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार भारतीयों की मौजूदगी अधिक बड़ी होगी.
मुकेश अंबानी, चंदा कोचर और उदय कोटक समेत सौ से अधिक मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान तथा दिग्गज फिल्म निर्माता करण जौहर के भी इसमें भाग लेने की संभावना है. डावोस सम्मेलन में भारत की ओर से कुछ वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी भी भाग ले सकते हैं. इनमें वित्त मंत्री अरुण जेटली, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के शामिल होने की संभावना है. इसके अलावा नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत तथा औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) सचिव रमेश अभिषेक के भी वहां जा सकते हैं.
भारतीय उद्योग जगत की अगुवाई उद्योग मंडल सीआईआई करेगा. बैठक का विषय ‘विभाजित दुनिया में साझा भविष्य का सृजन’ है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि मोदी के 23 और 24 जनवरी को दावोस में रहने की संभावना है. वे सम्मेलन के पहला विशेष पूर्ण सत्र को संबोधित कर सकते हैं. मोदी अगर इसमें भाग लेते हैं तो वह 1997 के बाद इस सम्मेलन में जाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे. वर्ष 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा इसमें शामिल हुए थे. बैठक में 3,000 से अधिक वैश्विक नेताओं, राष्ट्र प्रमुखों सीईओ, कलाकरों तथा नागरिक समाज के लोगों के भाग लेने की संभावना है. यह बैठक 26 जनवरी को संपन्न होगी.सम्मेलन के द्विपक्षीय बैठकें भी होती हैं.