पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से हर आदमी हलकान है. राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों ने 71 रुपए के पार पहुंचकर पिछले 40 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से हर आदमी हलकान है. राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों ने 71 रुपए के पार पहुंचकर पिछले 40 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही कच्चे तेल की कीमतों के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी आई है. देश के कुछ हिस्सों में डीजल 67 रुपए के पार पहुंच गया है. वहीं, पेट्रोल भी 80 रुपए के पास पहुंच चुका है. इस बीच केंद्र सरकार आम जनता को तेल की कीमतों से राहत देने के लिए नई प्लानिंग कर रही है.
पेट्रोल की कीमत 79.15 रुपए प्रति लीटर
दरअसल मंगलवार को मुंबई में पेट्रोल की कीमतें 79.15 रुपए प्रति लीटर हो गई. वहीं दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 71.27 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गई है. वहीं दिल्ली में डीजल के दाम 61.88 रुपए प्रति लीटर पर के स्तर पर पहुंच गए हैं. मुंबई में एक लीटर डीजल के लिए 65.90 रुपए का भुगतान करना होगा. इस बीच तेल की कीमतों से आम जनता को राहत देने के लिए पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने की कवायद तेज हो गई है.
18 को होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 18 जनवरी को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जा सकता है. इससे दामों में कमी आएगी. लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती का विकल्प भी खुला रखा है. मगर इस बारे में जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद फैसला किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के चलते पेट्रोल और डीजल के मूल्य में इजाफा जारी है.
पांच फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्राकृतिक गैस पर पांच फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव है. ज्यादातर राज्य इस प्रस्ताव पर सहमत हैं. इसके साथ सरकार एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) को भी जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में है. मंत्रालय का मानना है कि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाना बेहद जरूरी है. इस पर चर्चा जारी है. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो जीएसटी के साथ सेस भी लग सकता है.
जीएसटी बेहतर विकल्प
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड और चंडीगढ़ एक-समान सेस लगा सकते हैं ताकि, इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत एक रहें. पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बढ़ती कीमतों के चलते पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाना एक बेहतर विकल्प है. माना जा रहा है कि पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी के दायरे में आने के बाद तेल की कीमतों में कमी आएगी.