देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने सोमवार को नए साल के मौके पर अपने आधार दरों में 30 आधार अंकों की भारी कटौती की घोषणा की, जिसके बाद यह 8.65 फीसदी सालाना हो गई है.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने सोमवार को नए साल के मौके पर अपने आधार दरों में 30 आधार अंकों की भारी कटौती की घोषणा की, जिसके बाद यह 8.65 फीसदी सालाना हो गई है. इस कटौती के साथ ही एसबीआई की ब्याज दरें वाणिज्यिक बैंकों में सबसे कम हो गई है. इससे बहुत सारे खुदरा कर्जदारों को राहत मिली है, खासतौर से आवास ऋण और छात्र ऋण लेने वालों को ज्यादा राहत मिली है. इसी प्रकार से, बैंक के बेंचमार्क प्राइम लेंडिग रेट (बीपीएलआर) में भी कमी की गई है, जो 1 जनवरी से प्रभावी है. यह पहले 13.70 फीसदी सालाना था, जो अब 13.40 फीसदी सालाना हो गई है.
एसबीआई की ओर से बयान में कहा गया, ‘वर्तमान ग्राहकों के लिए संसोधित आधार दर 8.95 फीसदी से घटकर 8.65 फीसदी हो गई है तथा बीपीएलआर 13.70 फीसदी से घटकर 13.40 फीसदी हो गई है.’
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बयान में आगे कहा गया, ‘इसके अलावा बैंक ने नए ग्राहकों के लिए आवास ऋण पर प्रोसेसिंग शुल्क में छूट को 31 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है. उन ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा, जो किसी दूसरे बैंक का आवास ऋण एसबीआई में स्थानांतरित करना चाहते हैं.’
बेस रेट गिरने से होम लोन लेने वालों को इतना होगा
लोन अमाउंट बेस रेट (% में) लोन के साल EMI
30 लाख रुपये 8.95 20 26,895.38 रुपये
30 लाख रुपये 8.65 20 26,320.21 रुपये
अब EMI में बचत 575.17 रुपये
ऑटो लोन पर होगी इतनी बचत
लोन अमाउंट ब्याज दर (% में) लोन के साल ईएमआई
5 लाख रुपये 9.65 5 10,537.62 रुपये
5 लाख रुपये 9.65 5 10,464.32 रुपये
अब ईएमआई में बचत 73.3 रुपये
बैंक ने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में कोई बदलाव नहीं किया है. बैंक की एम साल के कर्ज के लिये एमसीएलआर 7.95 प्रतिशत है. एसबीआई ने एक बयान में कहा कि नई दरें से प्रभावी होंगी. खुदरा और डिजिटल बैंकिंग के प्रबंध निदेशक पी के गुप्ता ने कांफ्रेन्स काल में कहा, ‘हमने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ब्याज दर की समीक्षा की और जमा पर ब्याज दरों के आधार पर हमने आधार दर 0.30 प्रतिशत कम कर अब 8.65 प्रतिशत कर दिया है.’ करीब 80 लाख ग्राहक ब्याज दर की पुरानी व्यवस्था पर है और उन्होंने एमसीएलआर को नहीं अपनाया. इन ग्राहकों को इस कटौती का लाभ होगा. बैंक मासिक आधार पर एमसीएलआर की समीक्षा करता है जबकि आधार दर की समीक्षा तिमाही में होती है.