ट्रेन में चाहते हैं विंडो सीट तो ज्यादा पैसे खर्च करने के लिए रहिए तैयार

ट्रेन में चाहते हैं विंडो सीट तो ज्यादा पैसे खर्च करने के लिए रहिए तैयार

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भारतीय रेलवे इनकम बढ़ाने के लिए नए तरीके पर विचार कर रहा है. पिछले दिनों रेलवे मिनिस्ट्री ने विभाग की माली हालत सुधारने के लिए किराया बढ़ाने के साथ कुछ और नियम लागू किए थे. अपने रेलवे अपनी इनकम बढ़ाने के लिए कुछ और तरीका अपनाने पर विचार कर रहा है.

भारतीय रेलवे इनकम बढ़ाने के लिए नए तरीके पर विचार कर रहा है. पिछले दिनों रेलवे मिनिस्ट्री ने विभाग की माली हालत सुधारने के लिए किराया बढ़ाने के साथ कुछ और नियम लागू किए थे. अपने रेलवे अपनी इनकम बढ़ाने के लिए कुछ और तरीका अपनाने पर विचार कर रहा है. इस नियम के तहत यदि आप विंडो सीट लेना चाहते हैं तो आपको ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है. रेलवे ने प्रीमियम ट्रेनों में सीट बुकिंग के आधार पर किराया वसूलने के साथ ही टिकट कैंसल कराने पर ज्यादा शुल्क वसूलने का प्रावधान शामिल किया था.

प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर मॉडल में पीक ऑवर के दौरान ट्रेनों का किराया बढ़ जाता है. यानी जैसे-जैसे ट्रेन की खुलने की तारीख नजदीक आती है, ट्रेन का टिकट महंगा होता रहता है. इस बुकिंग मॉडल से रेलवे को रेवेन्यू में तो फायदा हुआ लेकिन यात्रियों की संख्या कम हो गई. अब रेलवे इनकम बढ़ाने के लिए विंडो सीट की एवज में ज्यादा रकम वसूलने पर विचार कर रहा है.

अभी विंडो सीट के लिए रेलवे की तरफ से कोई अतिरिक्‍त शुल्क नहीं लिया जाता. टिकट बुकिंग के दौरान यात्री को लोअर और अपर बर्थ के तौर पर निशुल्‍क विकल्‍प दिए जाते हैं. लेकिन विमानों की तर्ज पर अब विंडो सीट के लिए ज्‍यादा किराया वसूलने पर विचार चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेलवे फ्लेक्‍सी फेयर में बदलाव पर विचार कर रहा है. इससे ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग मूल किराये पर ही यात्रा कर सकेंगे.

नई प्लानिंग के अनुसार रेलवे आगे की सीट के लिए ज्‍यादा किराया ले सकता है. इसके अलावा साइड बर्थ के किराये में भी कटौती संभव है. रेलवे की तरफ से ‘ऑन और ऑफ सीजन’ का फॉर्मूला लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है. इसके अमल में आने पर फेस्टिव सीजन में यात्रियों को सामान्‍य से ज्‍यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं और ऑफ सीजन में रेलवे का किराया कम रखा जा सकता है.

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