नीति आयोग के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक नया भारत बनाने को हकीकत रूप देने के साथ रोजगार, कृषि, कुपोषण तथा उच्च शिक्षा पर जोर के साथ वर्ष 2018 चुनौतीपूर्ण रहेगा.
नीति आयोग के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक नया भारत बनाने को हकीकत रूप देने के साथ रोजगार, कृषि, कुपोषण तथा उच्च शिक्षा पर जोर के साथ वर्ष 2018 चुनौतीपूर्ण रहेगा. आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि उन्होंने विभिन्न पक्षों से मुलाकात की है और जल्दी ही नया भारत, 2022 के दृष्टिकोण पत्र को अंतिम रूप देंगे.
कुमार ने कहा, ‘अगले वर्ष हमारा (नीति आयोग) जोर कृषि रूपांतरण, कुपोषण, उच्च शिक्षा तथा रोजगार सृजन पर होगा …हम अब प्रधानमंत्री के 2022 तक नये भारत के आह्वान को आकार देने की दिशा में काम कर रहे हैं. हम जल्दी ही नया इंडिया 2022 दृष्टिकोण दस्तावेज को अंतिम रूप देंगे और इस कार्य के पूरा होने के बाद हम 15 साल के दृष्टिकोण पत्र पर काम करेंगे.’ इससे पहले, आयोग ने तीन साल का कार्य एजेंडा, सात साल का मध्य अवधि रणनीति दस्तावेज तथा 15 साल का दृष्टिकोण दस्तावेज लाने की योजना बनायी थी.
उन्होंने कहा, ‘आयोग सहयोगपूर्ण संघवाद और प्रतिस्पर्धी संघवाद के अपने दोहरे कार्य पर गौर करना जारी रखेगा और इस संदर्भ में मैं पहले ही 11 राज्यों की यात्रा कर चुका हूं. मैं अगले साल अन्य राज्यों में जाऊंगा ताकि वे गंभीरता से विचार कर सके कि केंद्र में नीति आयोग उनके लिये ही काम कर रहा है और हम साथ मिलकर राज्य केंद्रित विकास योजना तैयार कर सके.’ अर्थव्यवस्था के बारे में कुमार ने कहा कि निजी पूंजी व्यय बढ़ रहा है और हम जल्दी ही तीव्र वृद्धि तथा गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन को देखेंगे.
आर्थिक वृद्धि के बारे में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘अगले 12 महीने में 2018-19 की तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत और उससे ऊपर रहेगी. वहीं अगले दो साल में हमारी आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत होगी.’ उन्होंने अगले पांच साल में दोहरे अंक में आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की बात कही जिसका आधार असंगठित क्षेत्र के संगठित क्षेत्र में आने, व्यापार सुगमता तथा निवेश नियमों का सरलीकरण है.