डीएंडबी ने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के अक्तूबर में 3-3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद व्यक्त की है.
देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर अब समाप्ति की ओर है और आने वाले समय में इसमें सुधार की रफ्तार, विशेषकर निजी निवेश में वृद्धि, सरकार द्वारा उठाये जाने वाले कदमों पर निर्भर करेगी. शोध एवं सलाह कंपनी डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. रिपोर्ट में कहा गया कि नोटबंदी तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद अब अर्थव्यवस्था के कुछ मानकों में सुधार देखा जा रहा है. डन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा, ‘‘हालिया अवधि में कुछ पैमानों पर सुधार हुआ है और हमें उम्मीद है कि औद्योगिक उत्पादन खासकर पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में हुआ सुधार महज त्यौहारी मांग पर निर्भर न होकर सतत टिकाऊ आधार पर आया सुधार होगा.’’
उन्होंने आगे कहा कि निर्यात में सुधार, नरम ब्याज दर, कम मंहगाई, नियंत्रित व्यापार घाटा, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और राजकोषीय घाटे को संतुलित रखने की सरकारी कोशिशों से अर्थव्यवस्था के मौजूदा स्तर से मजबूती से सुधरने की उम्मीद है. सिंह ने आगे कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर अब समाप्त हो चुका है. हालांकि, अब इससे आगे अर्थव्यवस्था में आने वाला सुधार और वृद्धि रफ्तार विशेषकर निजी निवेश में वृद्धि सरकार की तरफ से उठाये जाने वाले कदमों पर निर्भर करेगी. इसके बिना हम उल्लेखनीय सुधार को लेकर लक्ष्य तय नहीं कर पाएंगे.’’
डीएंडबी ने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के अक्तूबर में 3-3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद व्यक्त की है. जबकि नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के 4.2 से 4.4 प्रतिशत के बीच और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के 3.6 से 3.7 प्रतिशत के बीच रहने की भी उम्मीद जतायी.