थोक महंगाई दर में कमी, उद्योग जगत ने की RBI से नीतिगत दर में कटौती की मांग

थोक महंगाई दर में कमी, उद्योग जगत ने की RBI से नीतिगत दर में कटौती की मांग

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पिछले सप्ताह जारी आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 5.21 प्रतिशत पहुंच गयी

थोक मुद्रास्फीति के दिसंबर में कम होकर 3.58 प्रतिशत पर आने के साथ उद्योग जगत ने रिजर्व बैंक से निवेश को बढ़ावा देने तथा आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये प्रमुख नीतिगत दर में कटौती की मांग दोहराई है. उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष आर शाह ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति का आंकड़ा बहुत हद तक आपूर्ति संबंधी कारकों से प्रभावित हैं, अत: हम रिजर्व बैंक से वृद्धि पर समान रूप से विचार करते हुए मौद्रिक नीति रुख में कुछ बदलाव पर विचार करने का अनुरोध करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आगामी मौद्रिक नीति में रेपो दर में कटौती निवेश को बढ़ावा देने तथा वृद्धि को गति देने के लिये महत्वपूर्ण है.’’

एसोचैम ने कहा है कि मुद्रास्फीति 2018 में अप्रैल-जून तक ऊंची रह सकती है. हालांकि पिछले पांच महीने में विनिर्माण क्षेत्र की मुद्रास्फीति में वृद्धि चिंता का कारण हो सकता है. एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, ‘‘नीति निर्माताओं को वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में वृद्धि के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतों में निरंतर वृद्धि पर ध्यान देने की जरूरत है. इसका आयात बिल पर प्रभाव पड़ सकता है जिससे मुद्रा की विनिमय दर भी प्रभावित हो सकती है.’’

यहां सोमवार (15 जनवरी) को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार खाद्य समूह की महंगाई दर दिसंबर में 4.72 प्रतिशत रही जो नवंबर 2017 में 6.06 प्रतिशत थी. शाह ने कहा, ‘‘हम खाद्य वस्तुओं के प्रभावी प्रबंधन के लिये कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की दिशा में बजट में अधिक स्पष्ट उपायों को लेकर आशान्वित हैं. हम आने वाले महीनों में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की उम्मीद करते हैं जिससे ईंधन मुद्रास्फीति में कमी लाने में मदद मिलेगी.’’

उल्लेखनीय है कि खाद्य पदार्थों के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2017 में कम होकर 3.58 प्रतिशत रही. इससे उत्साहित उद्योग ने कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिये बजट में उपाय किये जाने की मांग की है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति एक महीना पहले नवंबर 2017 में 3.93 प्रतिशत तथा एक साल पहले दिसंबर 2016 में 2.10 प्रतिशत रही थी. दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले तीन माह में सबसे कम रही है.

यहां जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार खाद्य समूह की महंगाई दर दिसंबर में 4.72 प्रतिशत रही जो नवंबर 2017 में 6.06 प्रतिशत थी. ईंधन एवं बिजली खंड में थोक मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 9.16 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 8.82 प्रतिशत थी. पिछले सप्ताह जारी आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 5.21 प्रतिशत पहुंच गयी, जो रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है.

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