IMF के मुताबिक, पिछले कुछ समय से सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है. धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर हो रही है.
बजट से ठीक पहले मोदी सरकार को बड़ी खुशखबरी मिली है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भरोसा जताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में पहुंच रही है. निश्चित ही IMF के बयान से केंद्र सरकार को राहत मिलेगी. IMF के मुताबिक, पिछले कुछ समय से सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है. धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर हो रही है. अब इंडियन इकोनॉमी रफ्तार पकड़ेगी. वैश्विक स्तर पर भी भारत अपनी स्थिति मजबूत करने में कामयाब रहेगा.
IMF ने जताया भरोसा
IMF के पहले डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर डेविड लिप्टन ने एशियन फाइनेंशियल फोरम में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अब सुस्ती खत्म हो रही है. हॉन्गकॉन्ग में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा मजबूत उपभोग, निवेश, बढ़ते निर्यात और सतत पूंजी प्रवाह से भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेजी से बढ़ने लगी है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में एशियाई बाजार के लिए समय काफी अच्छा है.
विश्व बैंक ने भी जताया था भरोसा
हाल ही में विश्व बैंक ने भी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताया था. विश्व बैंक के मुताबिक, अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. विश्व बैंक ने अनुमान जताया था कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहेगी. वहीं, अगले दो साल में यह 7.5 फीसदी के करीब होगी.
नोटबंदी, GST का असर खत्म होगा
विश्व बैंक की ‘ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रोस्पेक्ट’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में क्षमता है. नोटबंदी और जीएसटी के शुरुआती झटकों से इस साल भारत उभरेगा और अर्थव्यवस्था की रफ्तार पकड़ेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा सरकार लगातार बदलाव कर रही है. इस वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले तेजी से बढ़ने में सक्षम है.
भारत निकलेगा सबसे आगे
विश्व बैंक के मुताबिक, अगले एक दशक में भारत सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था बनेगा. छोटी अवधि के आंकड़ों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. भारत को बड़े स्तर पर देखना चाहिए. भारत में काफी ज्यादा क्षमता है.
चीन को लग सकता है झटका
विश्व बैंक के मुताबिक, चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है. समय के साथ भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. पिछले तीन सालों की विकास दर के आंकड़ों को देखें तो वे काफी अच्छे हैं. भारत के पास क्षमता है कि वो चीन को पीछे छोड़ दे. आने वाले समय में चीन को झटका लग सकता है. भारत उसे पछाड़कर आगे निकल सकता है.