आईएमएफ ने भारत का वृद्धि दर अनुमान घटाया, इन कारणों का दिया हवाला

आईएमएफ ने भारत का वृद्धि दर अनुमान घटाया, इन कारणों का दिया हवाला

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अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का नया अनुमान व्यक्त किया है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटा दिया है. उसने कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहेगी. आईएमएफ का भारत के लिए यह अनुमान उसके पहले लगाए गए अनुमानों की तुलना में 0.5 प्रतिशत कम है. उसने इस कटौती के लिए नोटबंदी और जीएसटी के कार्यान्वयन का हवाला दिया है. आईएमएफ ने हालांकि, चीन के लिए 6.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है. इसके साथ ही आईएमएफ ने 2018 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान भी अपने पहले के अनुमान से 0.3 प्रतिशत कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया है. कोष ने इससे पहले जुलाई और अप्रैल में आर्थिक वृद्धि के अनुमान जारी किए थे. भारत की वृद्धि दर 2016 में 7.1 प्रतिशत रही थी. हालांकि, यह वृद्धि आईएमएफ के अप्रैल के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक रही.

आईएमएफ ने अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वृद्धि की गति नरम पड़ी है, जो कि नोटबंदी तथा साल के बीच में ही देश भर में जीएसटी को लेकर अनिश्चिततता के चलते हुआ. इसके साथ ही आईएमएफ ने 2017 में वृद्धि दर के लिहाज से चीन को भारत से कुछ आगे रखा है. 2017 में चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहना अनुमानित है. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार 2018 में भारत दुनिया में सबसे तेज वृद्धि करने वाली उदीयमान अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर सकता है, जबकि उस साल चीन की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहना अनुमानित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी उन कुछ प्रमुख ढांचागत सुधारों में से एक है, जिनसे मध्यम अवधि में वृद्धि दर बढ़कर आठ प्रतिशत करने में मददगार होंगे.

इसके अनुसार, ‘भारत में श्रम बाजार नियमों तथा भूमि अधिग्रहण प्र​क्रिया के सरलीकरण की व्यापारिक माहौल को और बेहतर बनाने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही है.’

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