जीएसटी की नई दरों के बाद नई एमआरपी छापने का आदेश

जीएसटी की नई दरों के बाद नई एमआरपी छापने का आदेश

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राम विलास पासवान ने कहा कि उत्पादकों को घटी हुई एमआरपी के साथ पुरानी एमआरपी को भी लगाना होगा, ताकि जीएसटी की दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को दिया जा सके.

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार (15 नवंबर) को कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद द्वारा 10 नवंबर को 200 उपभोक्ता सामानों पर कर की दरों में किए गए बदलाव के बाद अब उसी हिसाब ने नया अधिकतम बिक्री मूल्य (एमआरपी) छपवाना होगा. पासवान ने कहा कि ऐसा नहीं करनेवालों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि उत्पादकों को घटी हुई एमआरपी के साथ पुरानी एमआरपी को भी लगाना होगा, ताकि जीएसटी की दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को दिया जा सके.

पासवान ने संवाददाताओं से कहा, “जिन सामानों पर जीएसटी की कीमतें घटाई गई हैं, उन्हें नई एमआरपी के साथ बेचना होगा. ग्राहकों को इसका लाभ दिया जाना चाहिए. इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है.” उन्होंने कहा, “हमने अनुपालन नहीं करनेवालों पर कार्रवाई के लिए लीगल मेट्रोलॉजी विभाग को पत्र लिखा है. साथ ही ग्राहक राष्ट्रीय ग्राहक हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे.” यह बदलाव बुधवार (15 नवंबर) से लागू हो गया.

वहीं दूसरी ओर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की हालिया बैठक में अति व्यापक बदलाव के बाद तय जीएसटी की नई दरें बुधवार (15 नवंबर) से लागू हो गई हैं. जीएसटी परिषद ने 178 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटाई हैं. इस बदलाव के बाद रेस्तराओं में खाना अब सस्ता हो गया है. बुधवार (15 नवंबर) को जारी अधिसूचना के मुताबिक 7,500 रुपये प्रति कमरा रोजाना तक शुल्क लेने वाले अच्छे होटल के बाहर के सभी रेस्तराओं को पांच फीसदी जीएसटी दर के दायरे में रखा गया है.

हालांकि रेस्तराओं से इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा वापस ले ली गई है, क्योंकि वे इसका लाभ ग्राहकों तक नहीं हस्तांतरित करते थे. हालांकि 7,500 रुपये से ज्यादा प्रति कमरा रोजाना शुल्क रखने वाले होटलों के रेस्तराओं को 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में रखा गया है. साथ ही, इनको इनपुट क्रेडिट का लाभ भी दिया गया है. जीएसटी की कटौती बहुत सारी उपभोक्ता वस्तुओं पर की गई है, जिनमें चॉकलेट, चुइंग गम, शैंपू, डियोडरेंट, शू पॉलिश, डिटरजेंट, पोषक पेय पदार्थ, पत्थर व सौंदर्य प्रसाधन के सामान शामिल हैं.

सबसे ऊंची जीएसटी दर 28 फीसदी के दायरे में सिर्फ 50 वस्तुओं को रखा गया है, जिनमें विलासिता व पातक वस्तुओं यानी सिन गुड्स जैसे मादक पदार्थ आदि, सफेद बजाजी सामान यानी ह्वाइट गुड्स, सीमेंट, पेंट, ऑटोमोबाइल, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, हवाई जहाज और नौका के कल-पूर्जे आदि.

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