रोजगार के लिए मोदी सरकार ने कई नई योजनाओं को शुरू किया. लेकिन पिछले कुछ दिनों में सरकार को इनमें फ्रॉड देखने को मिला है. ऐसे में सरकार ने कुछ कदम उठाएं हैं. फ्रॉड करने वाले लोगों को दूसरे को चूना लगाने में कतई डर नहीं लगा.
रोजगार के लिए मोदी सरकार ने कई नई योजनाओं को शुरू किया, लेकिन पिछले कुछ दिनों में सरकार को इनमें फ्रॉड देखने को मिला है. ऐसे में सरकार ने कुछ कदम उठाएं हैं. फ्रॉड करने वाले लोगों को दूसरे को चूना लगाने में कतई डर नहीं लगा. ऐसे में जरूरी है कि आप अलर्ट रहें. पिछले दिनों सरकार की तरफ से शुरू की गई मुद्रा लोन स्कीम के लिए शुरू किए गए उद्योग आधार के पंजीकरण में ही फ्रॉड देखने को मिला है. सरकार की तरफ से की गई जांच में पाया गया कि मुद्रा लोन लेने के लिए उद्योग आधार का सहारा लिया गया. ये लोन लोगों ने फर्जी तरीके से ले लिए.
एक प्रमुख वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार जांच में यह भी पाया गया कि बिहार में सबसे ज्यादा उद्योग रजिस्ट्रेशन हुए. वहां पर लोगों ने बड़ी संख्या में मुद्रा लोन भी लिया. हालांकि उद्योगों की संख्या और इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बिहार की स्थिति बेहतर नहीं है.
पहले भी हो चुका है फ्रॉड
आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार की स्कीम में पहले भी फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. गड़बड़ी की शिकायतों के बाद मोदी सरकार को इन स्कीम से जुड़े नियमों के लिए सख्त कदम उठाने पड़े. सरकार की तरफ से चलाई जा रही स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना, स्किल डेवलपमेंट आदि योजनाओं में गड़बड़ी शिकायत सामने आई है. इन योजनाओं के आधार पर आपके साथ भी फ्रॉड हो सकता है, ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है.
यह कदम उठाया
जांच में सामने आया कि लोगों ने फर्जी तरीके से मुद्रा स्कीम में लोन हासिल किया. कुछ मामलों में तो किसी और के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति ने उद्योग आधार बनवा लिया और लोन ले लिया. जबकि हकीकत यह थी कि असली व्यक्ति को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी. इसके बाद मोदी सरकार ने उद्योग आधार से जुड़े नियमों को सख्त कर दिया है. अब बिना ओटीपी वेरिफिकेशन के उद्योग आधार नहीं बनाया जाएगा.
स्टार्टअप इंडिया
टैक्स में फायदा लेने के लिए कई पुरानी कंपनियों ने सब्सीडरी बना ली और टैक्स छूट का फायदा ले लिया. वेबसाइट का दावा है कि इसमें भारतीय कंपनियों के साथ विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं. डीआईपीपी ऐसी कंपनियों की जांच कर रहा है. साथ ही ऐसी कंपनियों के आवेदन भी निरस्त किए जा रहे हैं. सरकार अब इस संबंध में कंपनियों से स्पष्टीकरण भी मांग रही है.
स्किल डेवलपमेंट
सरकार को शिकायत मिली कि कई संस्थान प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के नाम पर लोगों को सरकारी नौकरियां तक ऑफर कर रहे हैं. इतना ही नहीं आवेदन करने वाले लोगों को ऑफर लेटर भेजकर डॉक्यूमेंट तैयार करने या वेरिफिकेशन के नाम पर हजारों रुपए वसूले जा रहे हैं. ये संस्थान भारत सरकार सहित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लोगो का भी प्रयोग कर रहे हैं. हजारों लोगों को ऐसे संस्थानों ने अपना शिकार भी बनाया है. अब एनएसडीसी ने एक लिस्ट जारी कर ऐसे संस्थानों से सचेत रहने की सलाह दी है. इस लिस्ट में फर्जी संस्थाओं का नाम के साथ ही पता भी दिया गया है.