8 सेक्टरों में 53000 नौकरियां घटीं, कुल नौकरियों में 1.85 लाख की बढ़ोतरी

8 सेक्टरों में 53000 नौकरियां घटीं, कुल नौकरियों में 1.85 लाख की बढ़ोतरी

Rate this post

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च 2017 के दौरान आठ चुनिंदा क्षेत्रों में कैजुअल या अस्थायी नौकरियों में 53 हजार की गिरावट रही.

नोटबंदी से अब भी अस्थायी (कैजुअल) श्रमिक सबसे अधिक प्रभावित हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च 2017 के दौरान आठ चुनिंदा क्षेत्रों में कैजुअल या अस्थायी नौकरियों में 53 हजार की गिरावट रही. हालांकि, विनिर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में नौकरियों में कुल मिला कर सुधार दिखा. कुल मिलाकर अखिल भारतीय स्तर पर आठ क्षेत्रों में नौकरियों में 1.85 लाख का इजाफा हुआ. श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाले श्रम ब्यूरो के एक ताजा रोजगार सर्वेक्षण के मुताबिक इस दौरान इन क्षेत्रों में स्थायी (रेगुलर) श्रमिकों की संख्या में 1.97 लाख और अनुबंध श्रमिकों की संख्या में 26,000 की वृद्धि हुई जबकि अस्थायी श्रमिकों की नौकरियों में 53 हजार की गिरावट आई.

अध्ययन के मुताबिक, अलोच्य अवधि के दौरान देश में आठ क्षेत्रों में 1.85 लाख रोजगार सृजित हुए. आवास एवं रेस्तरां और आईटी/ बीपीओ को छोड़कर अन्य छह क्षेत्रों में अस्थायी श्रमिकों के रोजगार में गिरावट आई है. सरकार ने आठ नवंबर, 2016 को 500 और 100 रुपये को नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. सरकार के इस फैसले से आम आदमी और नौकरियों खासकर अनौपचारिक क्षेत्र पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा.

अध्ययन से पता चलता है कि पिछली तिमाही तुलना में सभी आठ क्षेत्रों में सकरात्मक रुख देखने को मिला था. विनिर्माण क्षेत्र में 1.02 लाख, स्वास्थ्य क्षेत्र (31,000), व्यापार क्षेत्र (29,000), आईटी/बीपीओ (13000), परिवहन (3,000) और आवास एवं रेस्तरां (3,000) और निर्माण (2,000) तथा शिक्षा (2,000) रोजगार उत्पन्न हुए. इस तरह कुल 1.85 लाख रोजगार सृजित हुए जिनमें से 59,000 महिलाओं और 1.26 लाख पुरुषों को रोजगार मिला.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *