ट्रेनों की लेट-लतीफी पर रेलवे ने सफाई जारी की है. रविवार को रेलवे की तरफ से बयान आया कि केवल कोहरे, किसी अनिश्चितता या फिर एक्सीडेंट्स के चलते नहीं बल्कि बड़े स्तर पर चल रहे सुधार कार्यों की वजह से 10 में से 4 ट्रेनें लेट हो रही हैं.
ट्रेनों की लेट-लतीफी पर रेलवे ने सफाई जारी की है. रविवार को रेलवे की तरफ से बयान आया कि केवल कोहरे, किसी अनिश्चितता या फिर एक्सीडेंट्स के चलते नहीं बल्कि बड़े स्तर पर चल रहे सुधार कार्यों की वजह से 10 में से 4 ट्रेनें लेट हो रही हैं. आपको बता दें कि ट्रेनों के लेट होने की वजह से रेलवे की लगातार किरकिरी हो रही है. साथ ही इसकी कीमत सबसे ज्यादा पैसेंजर्स को ही चुकानी पड़ती है. अप्रैल-दिसंबर 2017 में 2016 के मुकाबले मेंटेनेंस के काम में 43% का इजाफा हुआ.
2017 में 1 लाख से ज्यादा ट्रेनें लेट
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अप्रैल-दिसंबर 2017 में 1 लाख 9 हजार 704 ट्रेनें हुईं. जबकि, 2016 में इसी अवधि में 93 हजार 612 ट्रेनें लेट हुईं थीं. इनमें से 5% ट्रेनें ही एक्सीडेंट्स, 20% किसी फेल्योर जबकि 40% ट्रेनों में रिपेयर वर्क के चलते देरी हुई. बाकी ट्रेनों में देरी मौसम के चलते हुई. अफसरों का कहना है कि आने वाले सालों में रेलवे के लिए सेफ्टी सबसे अहम होगी. ऐसे में यात्रियों को मरम्मत और रखरखाव के काम के कारण अधिक समय खर्च करना पड़ता है.
#Delhi 36 trains running late, 9 rescheduled, 128 cancelled as foggy weather affects train services
— ANI (@ANI) January 7, 2018
8 महीने में ब्लॉक ऑवर में 18% इजाफा
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अप्रैल-नवंबर 2017 में मेंटेनेंस के चलते ब्लॉक ऑवर में पिछले साल के मुकाबले 18% का इजाफा हुआ. इसके चलते पूरे रेलवे नेटवर्क में ट्रेनें देरी से चलीं. बीते अक्टूबर से रेलवे हर महीने पुराने और आउट ऑफ डेट ट्रैक्स को बदलने के लिए एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने चालू वित्तीय वर्ष में 3600 किमी ट्रैक सुधारने का टारगेट रखा है. ये हर वित्तीय वर्ष में 2 हजार किमी के ट्रैक सुधारने से 80% ज्यादा है.
दिसंबर में रिकॉर्ड सुधार
अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे ने दिसंबर महीने में रिकॉर्ड 476 किलोमीटर ट्रैक सुधारने का काम पूरा किया. उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2017-18 में 3500 किलोमीटर तक ट्रैक सुधारने का काम पूरा कर लिया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा हमारी सबसे पहले प्राथमिकता है. रिपेयर और मेंटेनेंस के जरिए ही यह सुनिश्चित हो सकता है.