GDP बढ़ने पर चिदंबरम ने जताई खुशी, लेकिन फिर भी उठा दिए सवाल

GDP बढ़ने पर चिदंबरम ने जताई खुशी, लेकिन फिर भी उठा दिए सवाल

Rate this post

चिदंबरम ने यह भी कहा कि गिरावट वाले रुख पर विराम लगा है किंतु किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अगली तीन-चार तिमाही के आंकड़ों का इंतजार किया जाना चाहिए.

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार (30 नवंबर) को दूसरी तिमाही की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़ने का स्वागत किया और साथ ही यह भी कहा कि गिरावट वाले रुख पर विराम लगा है किंतु किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अगली तीन-चार तिमाही के आंकड़ों का इंतजार किया जाना चाहिए. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रसन्न हूं कि जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की गयी है. यह पिछली पांच तिमाहियों से आ रहे गिरावट के रुख पर विराम है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘किंतु अभी हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह विकास दर में बढ़ने के रुख को दर्शाता है. हमें अगली तीन-चार तिमाहियों की प्रतीक्षा करनी चाहिए, उसके बाद ही हम किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं.’’ चिदंबरम की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जबकि भारत ने वर्तमान वित्त वर्ष की जुलाई- सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है. पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘6.3 प्रतिशत मोदी सरकार के वादे से बहुत कम है तथा सुव्यवस्थित भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावना से काफी नीचे है.’’

देश की आर्थिक वृद्धि दर में पिछली पांच तिमाहियों से जारी गिरावट का रुख थम गया. आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के न्यूनतम स्तर से बाहर निकलते हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई. विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने तथा कंपनियों के नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी के साथ सामंजस्य बिठाने से जीडीपी की चाल तेज हुई है. वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी जो वृद्धि का तीन साल का सबसे कम आंकड़ा रहा. नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह सबसे कम वृद्धि दर थी.

वहीं इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 7.5 प्रतिशत था. इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रही थी. अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा हाल में करीब 14 साल बाद देश की रेटिंग बढ़ाये जाने के बाद आर्थिक वृद्धि का यह आंकड़ा आया है. वृद्धि दर के इस आंकड़े से मोदी सरकार के तरकश में एक और तीर आ गया है. नोटबंदी तथा जीएसटी से 2,400 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के आरोपों को झेल रही मोदी सरकार के लिये वृद्धि का यह आंकड़ा राहत भरा है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *