नोटबंदी के दौरान दौसा क्षेत्र में बिजली कम्पनी के कर्मचारियों व बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से गलत तरीके से पुराने नोट बदलने के कई मामले सामने आए थे जिनकी केन्द्रीय एजेंसियां जांच भी कर रही हैं.
राजस्थान सूचना आयोग ने एक फैसले में जयपुर डिस्कॉम, दौसा को फटकार लगाते हुए नोटबंदी के दौरान आठ से दस नवम्बर 2016 की अवधि में बैंक में जमा करवाए गये 500 व 1000 रुपये के नोटों की सूचना देने के निर्देश दिए हैं. राजस्थान सूचना आयोग के सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने बांदीकुई निवासी हेमचन्द सैनी की द्वितीय अपील पर यह निर्देश दिये हैं. बिजली वितरण कम्पनी जयपुर डिस्कॉम ने देश की सुरक्षा एवं अखण्डता को खतरा बताते हुए यह सूचना देने से इनकार कर दिया था. लेकिन सूचना आयोग ने तर्क को विवेकहीन और आपत्तिजनक मानते हुए इसे ठुकरा दिया और बिजली कम्पनी के अधीक्षण अभियंता को आदेश दिया 21 दिन में आवेदक को 500 व 1000 रुपये के नोट बैंक में जमा करवाने की पर्चियां एवं प्रतियां तथा अन्य सूचनाएं मुहैया कराएं.
सूचना आयुक्त ने गत 16 नवम्बर को दिये अपने फैसले में कहा कि उक्त धाराएं देश की सुरक्षा, संप्रभुता, आर्थिक हित व विदेश सम्बन्धों से जुड़ी सूचना देने से प्रतिबंधित करती है. नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा करवाए गये नोटों की सूचना इस श्रेणी में नहीं आती अतः सूचना दी जाए. सूचना आयोग ने अपने फैसले में बिजली कम्पनी के अधिकारियों को फटकार कर चेतावनी भी दी है कि सूचना आवेदनों का गम्भीरता व संवेदनशीलता से निपटारा करें.
सैनी ने बिजली कम्पनी से आठ से दस नवम्बर 2016 को नोटबंदी के दौरान बांदीकुई कार्यालय से बैंक में जमा हुए 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों की जमा पर्चियां, पासबुक की प्रति, जमा करवाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का नाम आदि सूचना मांगी थी.
बिजली कम्पनी ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 1 क ध छ के तहत सैनी को सूचना देने से इनकार कर दिया था. गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान दौसा क्षेत्र में बिजली कम्पनी के कर्मचारियों व बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से गलत तरीके से पुराने नोट बदलने के कई मामले सामने आए थे जिनकी केन्द्रीय एजेंसियां जांच भी कर रही हैं.