प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए बिजली से वंचित सभी गांवों को 1000 दिनों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था जो मई 2018 में पूरा होगा.
बिजली मंत्रालय देश में बिना बिजली वाले सभी गांवों में इस साल दिसंबर तक बिजली पहुंचाने के अपने आंतरिक लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रहा है. अब भी दूर दराज के लगभग 2,217 गांव ऐसे हैं जहां अभी बिजली नहीं पहुंचायी जा सकी है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए बिजली से वंचित सभी गांवों को 1000 दिनों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था जो मई 2018 में पूरा होगा. लेकिन मंत्रालय ने खुद ब खुद इस काम को उससे पहले पूरा करने का बीड़ा उठाया था. वैसे अगर इस साल को देखा जाए तो जनवरी से नवंबर तक 3,652 गांवों में बिजली पहुंचायी गयी है.
अधिकारियों के अनुसार, वास्तव जो भी गांव बचे हैं उनकी भौगोलिक स्थिति काफी कठिन है. पूर्वोत्तर के कुछ गांव ऐसे हैं जहां पहुंचने में दो दिन से भी अधिक समय लगता है. ऐसे में इन गांवों तक बिजली पहुंचाने के काम में समय लग रहा है. मंत्रालय के अनुसार कुल 2,217 गांवों में से अरूणाचल प्रदेश में सर्वाधिक 1,069 गांव है जहां बिजली पहुंचायी जानी है. इसके अलावा असम ( 214), बिहार (111), छत्तीसगढ़ (176), जम्मू कश्मीर (99), झारखंड (176), मध्य प्रदेश (34), मणिपुर (54), मेघालय (50), मिजोरम (11), ओडिशा (182), उत्तराखंड (33) तथा कर्नाटक (8) में कुछ गांव बचे हैं जहां अभी बिजली पहुंचायी जानी है.
बिजली मंत्री आरके सिंह ने एक बातचीत में कहा था, ‘‘हम अप्रैल 2018 तक सभी गांवों को बिजली पहुंचाने का काम निश्चित रूप से पूरा लेंगे.’’ जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार अप्रैल 2015 तक कुल 18,452 गांव ऐसे थे, जहां आजादी के लगभग 68 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंच पायी थी. इनमें से 30 नवंबर 2017 तक 15,183 गांवों में विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है. वहीं बचे हुए 3,269 गांवों में 1,052 गांव ऐसे हैं जहां कोई नहीं रहता. शेष 2,217 गांव हैं जहां बिजली पहुंचायी जानी है.
मंत्रालय ने आंतरिक तौर पर दिसंबर 2017 तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण यह पूरा नहीं हो सका. अब इन गांवों में एक मई 2018 तक बिजली पहुंचाये जाने की उम्मीद है.
बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘हमने आंतरिक रूप से दिसंबर 2017 का लक्ष्य रखा है लेकिन प्रधानमंत्री जी ने हमें मई 2018 तक का समय दिया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी जितने गांव बचे हैं, काफी कठिन भौगोलिक स्थिति वाले हैं. जम्मू कश्मीर के करगिल जैसे कुछ इलाके में बर्फबारी शुरू हो गयी है. अरुणाचल प्रदेश में कुछ हिस्सों में बर्फबारी हो रही है. अरूणाचल में बर्फबारी वाले हिस्से को छोड़कर शेष इलाकों में हम जनवरी-फरवरी तक काम पूरा कर लेंगे. वहीं, कश्मीर में मार्च या अप्रैल तक काम पूरा हो पाएगा.’’