'विनिवेश, जीएसटी संग्रह बढ़ने से राजकोषीय दबाव रहेगा कम'

‘विनिवेश, जीएसटी संग्रह बढ़ने से राजकोषीय दबाव रहेगा कम’

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रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह पेश भारत 22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की सफलता से सरकार 72,500 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के करीब पहुंच गयी है.

सरकार को विनिवेश के मोर्चे पर सफलता और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह उत्साहजनक रहने से राजकोषीय दबाव कम करने में मदद मिलेगी. घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स के अनुसार, ‘‘विनिवेश में तेजी तथा जीएसटी के क्रियान्वयन से राजकोषीय गणित पर दबाव कम होगा.’’ उल्लेखनीय है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.2 प्रतिशत आने का लक्ष्य रखा है. व्यय बढ़ने तथा इसके अगस्त में घाटे का 96 प्रतियात पहुंच जाने एवं आर्थिक वृद्धि दर में नरमी से यह सवाल उठने लगे थे कि क्या सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर पाएगी या नहीं.

रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह पेश भारत 22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की सफलता से सरकार 72,500 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के करीब पहुंच गयी है. नवंबर के अंत तक सरकार ने विनिवेश के जरिये 52,300 करोड़ रुपये जुटा लिये हैं.

इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अभी चार महीना बचा है. ओएनजीसी के हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेयान में सरकार की 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को देखते हुए अकेले विनिवेश से पूंजी प्राप्ति लक्ष्य से ऊपर रह सकती है. इससे सरकार को कम-से-कम 32,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है.

जीएसटी के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय जीएसटी से राज्य के साथ 14 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी से केंद्रीय वित्त पर 11,000 करोड़ रुपये का असर पड़ सकता है लेकिन अंतिम परिणाम उतना बुरा नहीं होगा. इसमें कहा गया है, ‘‘…जीएसटी संग्रह उत्साहजनक रह सकता है और आने वाले समय में इसमें सुधार हो सकता है…..’’

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