अधिकारियों को निर्देश: सड़क प्रोजेक्ट की कारगर, सख्त निगरानी तय करें

अधिकारियों को निर्देश: सड़क प्रोजेक्ट की कारगर, सख्त निगरानी तय करें

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बैठक में पूर्वी बाहरी एक्सप्रेसवे, चारधाम परियोजना, क्वाजीगुंड- बनीहाल टनल, चेनाब रेलवे ब्रिज और जिरीबाम-इम्फाल परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (17 नवंबर) को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य की कारगर और सख्त निगरानी सुनिश्चित करें. अधिकारियों को यह निर्देश सड़क, रेल और बंदरगाह क्षेत्र सहित ढांचागत क्षेत्र की अहम परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दिया गया. उन्होंने अधिकारियों को सड़क निर्माण में नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को भी कहा. इसके साथ ही उन्होंने सरकारी नीति आयोग को ढांचागत परियोजनाओं में प्रौद्योगिकी इस्तेमाल के मामले में वैश्विक मानकों का परीक्षण करने और भारत में इन्हें अपनाये जाने की व्यवहार्यता का पता लगाने को कहा.

यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री ने बंदरगाहों में लदान के लिये माल को जल्द मंजूरी देने और जलपोतों से माल आपूर्ति जल्द करने पर जोर दिया. कोयला क्षेत्र के मामले में प्रधानमंत्री ने पिछले साल कोयला आयात में आई कमी पर गौर किया. उन्होंने कोयला आयात का विकल्प तलाशने में और जोर शोर से प्रयास किये जाने पर जोर दिया. उन्होंने कोयला क्षेत्र में गैसीकरण सहित नई प्रौद्योगिकी अपनाने पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री के समक्ष नीति आयोग द्वारा दिये गये प्रस्तुतीकरण में इस बात पर गौर किया गया कि कई क्षेत्रों और ढांचागत परियोजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है. वक्तव्य में कहा गया है कि सड़क और रेलवे क्षेत्र में हुई प्रगति पर गौर करते हुये प्रधानमंत्री ने मौजूदा परियोजनाओं के मामले में समग्र रुख अपनाने का आह्वान किया और कहा कि परियोजनाओं को सख्ती के साथ समयसीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिये.

विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में बताया गया कि देश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत अब तक दैनिक आधार पर सबसे ज्यादा 130 किलोमीटर की दर से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. इससे 2016-17 में योजना के तहत 47,400 किलोमीटर नई सड़क का निर्माण किया गया. इस दौरान 11,641 अतिरिक्त आवासीय क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ा गया. इस दौरान हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुये 4,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गईं.

विज्ञप्ति में कहा गया कि सड़क निर्माण में गैर-परंपरागत सामग्री जैसे बेकार प्लास्टिक, फ्लाई एश, लोहा, कोल्डमिक्स सहित कुछ अन्य सामग्री का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य की सख्ती के साथ निगरानी करने के लिये वर्तमान में इस्तेमाल में लाईजा रही तकनीक के साथ ही अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल करने पर जोर दिया. वर्तमान में मेरी सडक एप का इस काम में इस्तेमाल किया जा रहा है.

रेलवे क्षेत्र में 2016-17 में 953 किलोमीटर नई लाइनें बिछाई गईं, जबकि इसका लक्ष्य 400 किलोमीटर रखा गया था. इस दौरान 2,000 किलोमीटर से अधिक लाइनों का विद्युतीकरण किया गया जबकि 1,000 किलोमीटर लाइन को छोटी से बड़ी लाइन में परिवर्तित किया गया. वर्ष के दौरान बिना कर्मचारी वाली 1,500 से अधिक रेलवे क्रासिंग को समाप्त किया गया.

बैठक में पूर्वी बाहरी एक्सप्रेसवे, चारधाम परियोजना, क्वाजीगुंड- बनीहाल टनल, चेनाब रेलवे ब्रिज और जिरीबाम-इम्फाल परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई. बैठक में यह भी बताया गया कि सागरमाला के तहत 415 परियोजना की पहचान की गईहै जिसमें आठ लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसमें से 1.37 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर क्रियान्वयन के लिये लिया गया है.

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