हाईकोर्ट का सिंघवी को नोटिस, अंबानी ग्रुप के 5000 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा

हाईकोर्ट का सिंघवी को नोटिस, अंबानी ग्रुप के 5000 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा

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सिंघवी ने 30 नवंबर को वित्तमंत्री अरुण जेटली पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह लोगों को यह कह कर ‘मूर्ख’ बना रहे हैं कि सरकार ने बड़े कर्जदारों का कर्ज माफ नहीं किया है.

गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार (18 दिसंबर) को रिलायंस अनिल अंबानी समूह द्वारा दायर 5,000 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति प्रकाश उपाध्याय ने सुनवाई के बाद यह नोटिस जारी किया है, तथा मामले की अगली सुनवाई की तिथि 26 दिसंबर तय की है. मानहानि का यह मुकदमा 15 दिसंबर को दायर किया गया था, जिसमें सिंघवी पर ‘निराधार, अपमानजनक और झूठे’ वक्तव्य देने के आरोप लगाए गए हैं.

सिंघवी ने 30 नवंबर को वित्तमंत्री अरुण जेटली पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह लोगों को यह कह कर ‘मूर्ख’ बना रहे हैं कि सरकार ने बड़े कर्जदारों का कर्ज माफ नहीं किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाली कंपनियों और बड़े कर्जदारों का कुल 1.88 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है.

उन्होंने कहा, “हम सब जानते है कि शीर्ष की 50 कंपनियों पर बैंकों का कुल 8.35 लाख करोड़ रुपये बकाया है. और इनमें से शीर्ष तीन कंपनियां गुजरात की हैं, जो रिलांयस (अनिल अंबानी समूह), अडानी और एस्सार हैं और उन पर कुल तीन लाख करोड़ रुपये बकाया है.” उन्होंने वित्तमंत्री पर आरोप लगाया कि इन दायित्वों को एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तियां) के रूप में घोषित करने के बजाए “वे कर्जदारों को और अधिक रक्षा क्षेत्र के सौदे मुहैया करा रहे हैं, जैसे राफेल डील.”

रिलायंस डिफेंस ने इससे पहले एक बयान में यह स्पष्ट किया था कि रिलायंस एयरोस्ट्रकचर लिमिटेड और दासाल्ट एविएशन द्वारा संयुक्त उद्यम का गठन दो निजी कंपनियों के बीच एक द्विपक्षीय समझौते के तहत किया गया है और इसका सरकार से कोई लेना देना नहीं है.

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