नए MRP स्टीकर लगाने के लिए कंपनियों के पास दिसंबर तक का समय

नए MRP स्टीकर लगाने के लिए कंपनियों के पास दिसंबर तक का समय

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निर्माताओं सहित अन्य सम्बद्ध इकाइयों को पैकेट-बंद वस्तुओं पर एमआरपी स्टीकर लगाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 2017 कर दिया गया है.

सरकार ने कंपनियों को पैकेट वाले उत्पादों पर न्यूनतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के मूल्य स्टीकर लगाने के लिए दिसंबर तक का समय शुक्रवार (17 नवंबर) को दिया. जीएसटी परिषद ने हाल ही में लगभग 200 उत्पादों की जीएसटी दरों में संशोधन किया था जिसके मद्देनजर यह फैसला किया गया है. आधिकारिक बयान के अनुसार एक जुलाई, 2017 से माल व सेवाकर (जीएसटी) के कार्यान्वयन के बाद पैकेट वाली कुछ वस्तुओं के खुदरा मूल्य में बदलाव की जरूरत महसूस हुई थी.

उपभोक्ता मामलों, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने निर्माताओं सहित अन्य सम्बद्ध इकाइयों को पैकेट-बंद वस्तुओं पर एमआरपी स्टीकर लगाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 2017 कर दिया गया है.

इसके अनुसार जीएसटी की दरों में संशोधन को देखते हुए पासवान ने वैधानिक माप-तोल (डिब्बा-बंद वस्तुएं) नियम 2011 के नियम 6 के उपनियम (3) के तहत अतिरिक्त स्टीकर या मोहर या ऑनलाइन प्रिंटिंग के जरिए पैकेजिंग पूर्व वस्तुओं के घटे खुदरा मूल्य को घोषित करने की अनुमति दे दी है.

जीएसटी के तहत मुनाफाखोरी रोकने के लिए बनेगी अथॉरिटी, मंत्रिमंडल ने दी हरी झंडी

इससे पहले बीते 16 नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी. इस प्राधिकरण के गठन के पीछे मकसद नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि अब सिर्फ 50 ऐसी वस्तुएं जीएसटी की 28 प्रतिशत के ऊंचे कर स्लैब में रह गई हैं. वहीं कई वस्तुओं पर कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है.

प्रसाद ने कहा, ‘राष्ट्रीय मुनाफारोधी प्राधिकरण देश के उपभोक्ताओं के लिए एक विश्वास है. यदि किसी ग्राहक को लगता है कि उसे घटी कर दर का लाभ नहीं मिल रहा है तो वह प्राधिकरण में इसकी शिकायत कर सकता है.’ मंत्री ने कहा कि यह सरकार की इस बारे में पूर्ण प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह जीएसटी के क्रियान्वयन का पूरा लाभ आम आदमी तक पहुंचाना चाहती है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह 200 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दर कम की है. इसमें 178 वस्तुओं पर तो जीएसटी दर को 28 प्रतिशत की श्रेणी से 18 प्रतिशत की श्रेणी में ला दिया गया है. एसी और नॉन एसी रेस्तरां पर कर की दर को कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया.

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