ईडी ने जब्त की अहमदाबाद की फर्म की संपत्तियां, फेमा कानून के तहत कार्रवाई

ईडी ने जब्त की अहमदाबाद की फर्म की संपत्तियां, फेमा कानून के तहत कार्रवाई

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ईडी ने इस फर्म की पहचान मैसर्स सिनटैक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में की है और कहा है कि यह अमित पटेल व राहुल पटेल से सम्बद्ध है जिनका नाम पनामा पैपर्स मामले में आया था.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को कहा कि उसने पनामा पेपर्स मामले में अपनी जांच के सिलसिले में अहमदाबाद की एक कंपनी की 48.87 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की हैं. ईडी ने यह कार्रवाई फेमा कानून के तहत की है. ईडी ने इस फर्म की पहचान मैसर्स सिनटैक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में की है और कहा है कि यह अमित पटेल व राहुल पटेल से सम्बद्ध है जिनका नाम पनामा पैपर्स मामले में आया था. अमित व राहुल पटेल का नाम ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड बीवीआई में बनी कंपनी अमारेंज इंक में कथित भागीदारी के चलते आया. ईडी ने कहा है कि उसकी जांच में पाया गया कि अहमदाबाद की इस कंपनी के खातों का इस्तेमाल सिंगापुर में अचल संपत्ति खरीदने में किया गया.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पनामा दस्तावेज मामले में 45 से अधिक इकाइयों को नया नोटिस जारी करने जा रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने बीते 14 दिसंबर को बताया कि विदेशी विनिमय कानून के उल्लंघन के संदेह के अनुसार ये नोटिस जारी किए जा रहे हैं. एजेंसी ने कहा कि इस लीक दस्तावेजों की सूची में जिन भारतीयों का नाम आया है उनमें से 46 के खिलाफ विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत संभावित उल्लंघन के लिए कार्रवाई का मामला बनता है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वह जल्द तीन दर्जन इकाइयों को नोटिस जारी करेगी.

प्रवर्तन निदेशालय पनामा दस्तावेजों पर जांच एजेंसियों के बहु एजेंसी समूह (मैग) की सदस्यों में से है. एजेंसी अपनी इस कार्रवाई पर रिपोर्ट समिति को सौंपेगी जो इसे आगे समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजेगा. ईडी ने पहले ही इस तरह के मामलों में फेमा कानून के तहत संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी को दिए गए 46 कार्रवाई योग्य मामलों में से सिर्फ कुछ गंभीर उल्लंघन के हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘‘मैग में शामिल एजेंसियों द्वारा समन्वित कार्रवाई योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है और ईडी की कार्रवाई इसी का हिस्सा है.’’ खोजी पत्रकारों के समूह :आईसीआईजे: द्वारा पिछले साल जारी दस्तावेजों में 426 भारतीय या भारतीय मूल के लोगों का ब्योरा था. आयकर विभाग ने कहा है कि इन 426 में से 147 मामलों को उसने कार्रवाई योग्य पाया है.

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