जीएसटी काउंसिल ने रिटर्न फाइलिंग नियमों में दी छूट, जुर्माना घटाया

जीएसटी काउंसिल ने रिटर्न फाइलिंग नियमों में दी छूट, जुर्माना घटाया

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जीएसटीएन पोर्टल पर दाखिल होने वाले कारोबारों में से 40 प्रतिशत कारोबारों पर कर देयता शून्य है. इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने देरी में रिटर्न दाखिल करने वालों पर लगने वाले जुर्माने को भी कम किया है.

जीएसटी परिषद ने शुक्रवार (10 नवंबर) को कारोबारियों को राहत प्रदान करते हुए रिटर्न फाइलिंग के नियमों को सरल बनाया. इसके साथ-साथ देरी से रिटर्न फाइलिंग करने पर लगने वाले जुर्माने को भी कम किया गया है.अब, कारोबारियों को मार्च तक सरलीकृत प्रारभिंक जीएसटी-3बी रिटर्न दाखिल करना होगा. साथ ही, मार्च 2018 तक बिक्री और खरीदारी के चालान का मासिक मिलान जारी रहेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने उन व्यवसायों के लिए जीएसटी-3बी फॉर्म को सरलीकृत बनाने का निर्णय लिया है, जिन पर शून्य कर देनदारी दायित्व है या चालान में फाइल करने का कोई लेन-देन नहीं है.

जीएसटीएन पोर्टल पर दाखिल होने वाले कारोबारों में से 40 प्रतिशत कारोबारों पर कर देयता शून्य है. इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने देरी में रिटर्न दाखिल करने वालों पर लगने वाले जुर्माने को भी कम किया है. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि देरी से जीएसटी दाखिल करने पर शून्य देनदारी वाले करदाताओं पर जुर्माना 200 रुपये से घटाकर 20 रुपये प्रतिदिन किया गया.

इससे पहले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के निर्धारण में अब तक का सबसे बड़े बदलाव करते हुए इसके जीएसटी परिषद ने चुइंग गम से लेकर चॉकलेट, सौंदर्य प्रसाधनों, विग से लेकर हाथ घड़ी तक करीब 200 उत्पादों पर कर की दरें घटा दी हैं. उम्मीद है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ साथ उद्योग एवं व्यापार जगत को सुस्ती के दौर में सहूलियत होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि आम इस्तेमाल वाली 178 वस्तुओं पर कर दर को मौजूदा के 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का फैसला किया है.

परिषद ने एसी से लेकर नॉन एसी तक सभी प्रकार के रेस्तरांओं पर कर की दर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया गया है. अभी तक गैर एसी रेस्तरां में खाने के बिल पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था. वहीं एसी रेस्तरां पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत थी. इन सभी को इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा मिलती थी. इसमें अंतिम कर के भुगतान पर इनपुट कर भुगतान को घटा दिया जाता है. लेकिन अब रेस्त्रां चालाने वालों को इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर चुकाए गए कर का फायदा नहीं मिलेगा.

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