एनपीपीए ने अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रबंध निदेशक से सभी बिल की नकल देने को कहा है.
राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने फोर्टिस हेल्थकेयर अस्पताल को एक डेंगू मरीज से अधिक शुल्क वसूलने के मामले में सभी बिलों की नकल उपलब्ध कराने को कहा है. फोर्टिस गुरुग्राम द्वारा जयंत सिंह से उनकी मृतक बेटी आद्या के डेंगू के इलाज के लिए करीब 16 लाख रुपये लेने की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एनपीपीए ने अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रबंध निदेशक से सभी बिल की नकल देने को कहा है. अस्पताल से इलाज के दौरान दी गयी दवाओं की मात्रा एवं कीमत समेत सारी जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा है. उसने अपने पत्र में कहा, ‘एनपीपीए औषध मूल्य नियंत्रण आदेश 2013 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन होने के हर मामले की जांच के लिए अधिकृत है.’
एनपीपीए ने अस्पताल को चेतावनी देते हुए कहा कि मांगी गयी सूचनाएं नहीं देने की स्थिति में उसकी टीम अस्पताल का दौरा कर रिकॉर्ड की छानबीन करेगी. फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रवक्ता ने संपर्क किये जाने पर कहा कि उन्हें एनपीपीए का पत्र मिला है और छह दिसंबर तक जवाब देने की अंतिम तिथि के पहले ही यह उपलब्ध करा दिया जाएगा.
मामला गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफएमआरआई) में सितंबर में सात साल की बच्ची को डेंगू के इलाज के लिए भर्ती कराने से जुड़ा है जिसमें बच्ची की मौत हो गयी थी और अस्पताल ने बच्ची के परिवार से करीब 16 लाख रुपये का बिल वसूला था.
इससे पहले बीते 22 नवंबर को हरियाणा सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है कि गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल ने डेंगू से पीड़ित सात साल की एक लड़की के परिवार से अत्यधिक धन वसूला. अतिरिक्त महानिदेशक (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता वाली समिति इस मामले की जांच करेगी और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि समिति लड़की को दिये गये इलाज, दवाओं, बिल और मौत के कारण के बारे में सूचनाएं एकत्रित करेगी. वह यह भी पता करेगी कि लड़की को डेंगू था भी या नहीं. विज ने कहा कि अगर समिति ने अस्पताल को दोषी पाया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.