क्या 40000 रुपये की स्टैंडर्ड कटौती के लिए होगी बिल की जरूरत? यह रहा जवाब

क्या 40000 रुपये की स्टैंडर्ड कटौती के लिए होगी बिल की जरूरत? यह रहा जवाब

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि इस बार बजट में वेतनभोगी करदाताओं तथा पेंशनभोगियों को 40,000 रुपये की मानक कटौती के जरिए बड़ा लाभ दिया गया है.

वेतनभोगी करदाताओं तथा पेंशनभागियों को 40,000 रुपये की मानक कटौती के लिए किसी तरह का बिल या दस्तावेज जमा कराने की जरूरत नहीं होगी. सरकार ने गुरुवार को बजट में इसकी घोषणा की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि इस बार बजट में वेतनभोगी करदाताओं तथा पेंशनभोगियों को 40,000 रुपये की मानक कटौती के जरिए बड़ा लाभ दिया गया है.

‘नए उपाय से सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को फायदा होगा’
चंद्रा ने कहा, ‘पहले बिल देने पर कुछ लोगों को परिवहन भत्ता या चिकित्सा भत्ता मिल रहा था. अब हमने सभी व्यक्तिगत भत्तों को बिल जमा कराने पर समाप्त कर दिया है. प्रत्येक वेतनभोगी के लिए यह अब सीधे-सीधे 40,000 रुपये होगा. चंद्रा ने कहा कि इस नए उपाय से सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को फायदा होगा और उन्हें दस्तावेज या बिल देने की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘मानक कटौती का मतलब है कि यह बिना दस्तावेजीकरण के होगा. हम वेतन पर सीधे 40,000 रुपये की कटौती देंगे.’

‘कर सुधारों को बेहतर करने का एक और कदम’
अभी तक इस श्रेणी के करदाताओ को 19,200 रुपये का परिवहन भत्ता और 15,000 रुपये का चिकित्सा भत्ता लेने के लिए बिल देने पड़ते थे. सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि यह देश में कर सुधारों को बेहतर करने का एक और कदम है. चंद्रा ने कहा कि सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए 250 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है.

उन्होंने कहा कि इस घोषणा से 99 प्रतिशत कॉरपोरेट क्षेत्र को फायदा होगा. सिर्फ एक प्रतिशत यानी करीब 7,000 कंपनियां ऐसी हैं, जो 30 प्रतिशत के कर दायरे में आती हैं. करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव नहीं किए जाने पर चंद्रा ने कहा कि ज्हां तक व्यक्तिगत कराधान की बात है, भारत या तो कुछ देशों के समान है या फिर कुछ देशों से कम कर लगता है.

बजट है विकास अनुकूल, न्यू इंडिया के विजन को करेगा मजबूत : मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट 2018-19 को ‘‘विकास अनुकूल’’करार दिया और कहा कि इसमें ग्रामीण भारत की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है तथा यह ‘‘न्यू इंडिया’’ के विजन को मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि बजट में कृषि से लेकर अवसंरचना तक सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है और यह ‘‘किसान अनुकूल, आम लोगों के अनुकूल, कारोबारी माहौल के अनुकूल और विकास अनुकूल है.’’

बजट पेश किए जाने के बाद मोदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी टीम को बधाई दी तथा कहा कि बजट से किसानों, दलितों और आदिवासी समुदायों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि बजट ग्रामीण भारत के लिए नए अवसर उत्पन्न करेगा. आम चुनाव से पहले एनडीए सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है.

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