आपकी सुरक्षा से जुड़ी बड़ी जानकारी, 56% कैब ड्राइवर नशे में धुत रहकर चलाते हैं गाड़ियां

आपकी सुरक्षा से जुड़ी बड़ी जानकारी, 56% कैब ड्राइवर नशे में धुत रहकर चलाते हैं गाड़ियां

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दिल्ली-एनसीआर में कैब से सफर करने वाले लोगों के लिए चौंकाने वाली खबर सामने आई है. दिल्ली-NCR में 56% कैब ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं. यह खुलासा एक सर्वे में किया गया है.

दिल्ली-एनसीआर में कैब से सफर करने वाले लोगों के लिए चौंकाने वाली खबर सामने आई है. दिल्ली-NCR में 56% कैब ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं. यह खुलासा एक सर्वे में किया गया है. कम्यूनिटी अगेन्स्ट ड्रंकन ड्राइव ने इसे लेकर एक सर्वे किया था. इसमें सामने आया कि दिल्ली-एनसीआर में जो ड्राइवर नशे में कैब चलाते हैं उनमें से ज्यादा को लत है. बिना नशे के वो ड्राइविंग नहीं कर सकते. चौंकाने वाली बात यह है कि कैब कंपनियां भी अपने 90% ड्राइवर्स की चेकिंग नहीं करती. CADD ने कैब से सफर करने वालों को इससे सावधान रहने को कहा है. सर्वे ने दिल्ली-एनसीआर में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

56% कैब ड्राइवर शराब पीकर चलाते हैं गाड़ी
कम्यूनिटी अगेन्स्ट ड्रंकन ड्राइव (CADD) का चौंकाने वाले सर्वे में यह बात सामने आई है कि दिल्ली-NCR में 56% कैब ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं. इनमें से 27% कैब ड्राइवर नशे में धुत्त होकर बुकिंग लेते हैं. दिल्ली-NCR में 62% कैब ड्राइवर ड्यूटी के दौरान गाड़ी में शराब पीते हैं. 10 सितंबर से 10 दिसंबर के बीच दिल्ली-NCR के करीब 10,000 कैब ड्राइवर्स पर CADD ने सर्वे किया था.

ज्यादातर ड्राइवर्स को है नशे की लत
कम्यूनिटी अगेन्स्ट ड्रंकन ड्राइव के सर्वे में यह बात सामने आई है कि दिल्ली-NCR में जो ड्राइवर नशे में कैब चलाते हैं, उनमें ज्यादातर को इसकी लत है. 10 हज़ार ड्राइवर्स पर हुए इस सर्वे में रेडियो टैक्सी के 9,107 ड्राइवर्स से सवाल पूछे गए. जिन 10 हज़ार कैब ड्राइवर्स पर सर्वे हुआ उसमें काली-पीली टैक्सी के 893 ड्राइवर्स शामिल हैं. यह सर्वे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन मॉल, मेट्रो स्टेशन, यूनिवर्सिटी एरिया में किया गया था.

कंपनी नहीं करती चेकिंग
सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि ऐप बेस्ड टैक्सी, रेडियो टैक्सी, काली-पीली टैक्सी को संचालित करने वाली कंपनियां कभी अपने ड्राइवर्स की चेकिंग नहीं करती. सर्वे के मुताबिक, 90% ड्राइवर्स की कभी चेकिंग नहीं होती. ऐसे में यात्रियों के लिए यह कितना सुरक्षित है. इसका जवाब सरकार से पूछना चाहिए.

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