सरकार ने फिर शुरू की सिक्कों की ढलाई, लेकिन यह रहेगी शर्त

सरकार ने फिर शुरू की सिक्कों की ढलाई, लेकिन यह रहेगी शर्त

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सरकार के आदेश के बाद देश की चारों टकसालों में सिक्कों की ढलाई का काम रोक दिया गया था. लेकिन अब खबर है कि सिक्कों की ढलाई पूरी तरह बंद करने के फैसले से केंद्र सरकार पीछे हट गई है और सिक्कों की ढलाई का काम फिर से शुरू कर दिया गया है.

कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिक्कों का उत्पादन फिलहाल रुकवा दिया है. सरकार के आदेश के बाद देश की चारों टकसालों में सिक्कों की ढलाई का काम रोक दिया गया. लेकिन अब खबर है कि सिक्कों की ढलाई पूरी तरह बंद करने के फैसले से केंद्र सरकार पीछे हट गई है और सिक्कों की ढलाई का काम फिर से शुरू कर दिया गया है. सरकार के निर्देश पर कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद स्थित चारों सरकारी टकसालों (मिंट) में सिक्कों की ढलाई दुबारा शुरू कर दी गई है. हालांकि सिक्कों के उत्पादन की रफ्तार धीमी कर दी गई है.

धीमी गति से होगी सिक्कों की ढलाई
सूत्रों के अनुसार सरकार ने अब धीमी गति से सिक्कों का उत्पादन करने के लिए कहा है. इसके तहत केवल एक शिफ्ट में ही काम होगा. कोलकाता मिंट एम्पलॉईज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बिजन दे ने मीडिया से बताया कि सरकार का आदेश मिलने के बाद शुक्रवार से सिक्कों का फिर से उत्पादन शुरू हो गया है. उनके अनुसार, आदेश में सभी प्रकार के सिक्कों का उत्पादन करने के लिए कहा गया है.

रोजगार पर संकट पैदा हो गया था
आपको बता दें कि पिछले दिनों नौ जनवरी को सरकार ने देश की चारों टकसालों को निर्देश जारी कर तत्काल प्रभाव से सिक्कों की ढलाई का काम बंद करने के लिए कहा था. इसके बाद टकसाल में काम कर रहे हजारों लोगों के रोजगार पर संकट पैदा हो गया था. यूनियन के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार को इसको लेकर आगाह कराए जाने और चारों तरफ उठ रही विरोध की आवाजों को देखते हुए उत्पादन प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है.

हर साल 1550 करोड़ सिक्कों की ढलाई
गौरतलब है कि सरकारी टकसालों में हर साल 1550 करोड़ सिक्कों की ढलाई हो सकती है. लेकिन आरबीआई के पास सिक्कों का आवश्यकता से ज्यादा स्टॉक होने के कारण उत्पादन बंद करने का फैसला किया गया था. आरबीआई ने चालू वर्ष 2017-18 के दौरान 771.2 करोड़ सिक्कों की ढलाई के लिए आदेश दिया था. इनमें से 590 करोड़ सिक्कों का उत्पादन हो चुका है. चालू वित्त वर्ष के बाकी ढाई महीनों में लक्ष्य के अनुसार उत्पादन पूरा हो जाएगा.

क्यों बंद की थी सिक्कों की ढलाई
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर में आरबीआई के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से दावा किया गया था कि टकसालों से सिक्के इसलिए कम उठाए जा रहे हैं क्योंकि, आरबीआई के कोषागार में पर्याप्त जगह ही नहीं है. कोषागार में पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट भरे हैं. नवंबर 2016 में नोटबंदी के चलते उस वक्त सर्कुलेशन में रहे नोटों का करीब 85 पर्सेंट हिस्सा अवैध करार दिया गया था.

नोएडा टकसाल में 2.53 अरब के सिक्के
नोएडा यूनिट के स्टॉक में करीब 2.53 अरब रुपए के सिक्के मौजूद हैं. लेकिन, आरबीआई ने इन्हें लेना बंद कर दिया है. आरबीआई की 2016-17 की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्कुलेशन में मौजूद सिक्कों की वैल्यू 14.7 पर्सेंट बढ़ी है. इनमें 1 और 2 रुपए के सिक्कों का हिस्सा 69.2 पर्सेंट था. आरबीआई 5 और 10 रुपए के नोटों के बजाय इनके सिक्कों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है क्योंकि, कागज के मुकाबले मेटल ज्यादा लंबा चल सकता है.

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