बजट से पहले मोदी सरकार के लिए एक और खुशखबरी

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रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. चालू वित्त वर्ष में इसके 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. चालू वित्त वर्ष में इसके 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. फिच रेटिंग की अनुषंगी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने 2018-19 के लिए अपने परिदृश्य में कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) जैसे संरचनात्मक सुधारों के कारण आर्थिक वृद्धि में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी. एजेंसी के अनुसार, ‘जीएसटी के क्रियान्वयन से मध्यम से दीर्घ अवधि में अर्थव्यवस्था को लाभ होने की उम्मीद है.

अर्थव्यवस्था को लाभ होने की उम्मीद
हालांकि यह बात नोटबंदी के संदर्भ में नहीं की जा सकती.’ इंडिया-रेटिंग को उम्मीद है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 2018-19 में 7.1 प्रतिशत रहेगी. यह एशियाई विकास बैंक (एडीबी) तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के अगले वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत वृद्धि दर रहने के अनुमान से कम है. वैश्विक बाजार में कच्चे तेल में तेजी के साथ इंडिया रेटिंग को उम्मीद है कि खुदरा तथा थोक मुद्रास्फीति 2018-19 में क्रमश: 4.6 प्रतिशत तथा 4.4 प्रतिशत रहेगी.

राजकोषीय घाटा के बारे में एजेंसी ने कहा कि यह 2017-18 में 3.5 प्रतिशत रह सकता है जो बजटीय अनुमान 3.2 प्रतिशत से अधिक है. वहीं 2018-19 में इसके 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जो राजकोषीय नीति बयान में 3 प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक तथा घरेलू कारकों के कारण डालर के मुकाबले रुपया अगले वित्त वर्ष में औसतन 66.06 रह सकता है.

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